मंगलवार, 28 जनवरी 2020

लोकतंत्र में प्रदर्शन सवेधानिक अधिकार है। जनता का मुनिराम गेझा ( एक और विचारक )

लोकतंत्र में प्रदर्शन सवेधानिक अधिकार है। जनता का – मुनिराम गेझा( एक और विचारक ) आज के वर्तमान में सभी देशों एक प्रकार के गति अवरोध का सामना कर रहे हैं जिस कारण कभी ना कभी किसी ना किसी देश में कहीं ना कहीं अप्रिय घटना का शिकार होना पढ़ रहा है जिसमें निर्दोष लोग अपनी जान गवाते हैं जिनका कोई कसूर नहीं होता है भारत के दैनिक जागरण 23-08-2019 के अखबार के माध्यम से मैंने पड़ा की वे जन्मजात नागरिकता को खत्म करने की तैयारी है जिनके माता अमेरिकी नागरिक नहीं है और उनकी संतान के पास अमेरिका की जन्मजात नागरिकता है (अर्थात जिसनेअमेरिका में जन्म लिया है) जब भी किसी देश से दूसरे देश में गए व्यक्तियों तथा उनसे जन्मी संतान उसी देश के जन्मजात नागरिकता और अधिकार प्राप्त होते हैं जिनके माता पिता उस देश के नागरिक नहीं होते है। स्पष्ट कहां जाए तो अमेरिका उन लोगों या बच्चों की जन्मजात नागरिकता खत्म करेगी जिनके माता पिता अमेरिकी नागरिक नहीं है आज तक जो भी व्यक्ति अपने देश से किसी दूसरे मैं गए हैं उस देश के आर्थिक औद्योगिक वैज्ञानिक दृष्टि से उस देश की समृद्धि में अपना विशेष योगदान देते हैं क्योंकि दूसरे देश में वही व्यक्ति जाते हैं जिस देश की सरकार उनके लिए पर्याप्त कार्यपद्धती मुहैया नहीं करा पाती है जिससे अपने ज्ञान को अपने देश के धरातल पर स्थापित नहीं कर पाते और दूसरे देश की सरकारें नए-नए अविष्कारों के लिए पर्याप्त सामग्री मुहैया कराती है हर कोई व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं पूर्ति के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान तथा एक देश से दूसरे देश में जाकर जीवन व्यापन करता है यह सदियों पुरानी परम्परा है चाहे तो हम विभिन्न प्रकार के इतिहासों का अध्ययन कर सकते हैं। जन्मजात नागरिकता खत्म करने से पढ़ने वाला प्रभाव अगर हम इतिहासो का अध्ययन करें तो सभी देशों से विभिन्न देशों मैं जाते रहे हैं और उनसे जन्मे संतान उसी देश की जन्मजात नागरिकता के पहचान के रूप में अपने भविष्य का निर्माण और उस देश के भविष्य का निर्माण करती है अगर अमेरिका की वर्तमान सरकार या भविष्य की कोई भी सरकार ऐसा करती है जिनके माता पिता अमेरिका के जन्मजात नागरिक होकर अमेरिका के नागरिक नहीं है उन जन्मजात नागरिकता व्यक्तियों की नागरिकता खत्म करना यह कदम केवल उन जन्मजात के लिए ही नहीं बल्कि उन जन्मजात अमेरिका के लोगो के लिए घातक साबित होगी जिनके माता-पिता सदियों से अमेरिकी है वास्तविक में कहूं तो उस देश के भविष्य का निर्माण की उन सभी लोगों ने मिलकर रखी है चाहे वर्तमान में है चाहे वे अमेरिकी हो या या जन्मजात अमेरिकी और जिनके माता-पिता अमेरिकी नहीं है ऐसा फैसला हर उस देश के लिए तथा उस देश के भविष्य के लिए भी घातक साबित होगा जो भी देश के अनीतिगत फैसले लेगा वे कौन लोग होंगे जिनकी जन्मजात नागरिकता खत्म होगी जिन लोगों की जन्मजात नागरिकता खत्म होगी एक वर्ग के दायरे में आएंगे चाहे वे किसी भी उम्र के होंगे अमेरिका के जन्मजात लोगों के अधिकारों तथा जन्मजात नागरिकता पर विचार करते हैं वे दोनों व्यक्ति जो एक ही देश के होंगे और उनकी संतान के पास अमेरिका की जन्मजात नागरिकता होगी और उनकी जन्मजात नागरिकता भी समाप्त हो गई होगी जब उनकी नागरिकता वही देश खत्म कर देगा जिस देश में उनका जन्म हुआ है तो और कोई देश उनको नागरिकता देने को तैयार नहीं होगा क्योंकि उसमें तो उनका जन्मजात नागरिकता आशिक करने का अधिकार भी नहीं होगा जिस देश के उनके माता पिता हैं परंतु उस देश में उनका जन्म नहीं हुआ है जिस देश के उनके माता पिता नागरिक हैं दोनों व्यक्ति अलग अलग देश के हो या दोनों में कोई एक अमेरिकी नागरिक या जन्मजात नागरिक हो उन लोगों की संतान को कौन नागरिकता देगा जिनके माता-पिता कोई एक अमेरिकी नागरिक होगा जिनकी संतान के पास जन्मजात नागरिकता का अधिकार भी नहीं होगा और अमेरिका पहले ही उनकी संतान की जन्मजात नागरिकता समाप्त कर चुका है जिनके माता-पिता अमेरिका का नागरिक नहीं है और उनकी संतान अमेरिका की जन्मजात नागरिकता के अधिकारी थी कौन देगा नागरिकता जिन लोगों की नागरिकता जन्मजात नागरिकता के आधार पर अमेरिका नागरिकता समाप्त करेगा जोकि सभी जन्मजात नागरिकता का हवाला देकर नागरिकता समाप्त जन्मजात नागरिकता और बंदी बनाए गए शरणार्थी यह तो पता नहीं की कब से जन्मजात वाले अमेरिका के व्यक्तियों की नागरिकता समाप्त होगी यह फैसला प्रथम विश्व युद्ध से वर्तमान में सभी ऐसे व्यक्तियों पर लागू होगा जिनके माता पिता अमेरिकी नहीं बल्कि अमेरिका के जन्मजात नागरिक हैं या पिता माता अमेरिकी नागरिक है या यह फैसला भविष्य की किसी तारीख से लागू होगा बंदी नहीं गुलाम बना लिए शरणार्थी अमेरिका में उन सभी शरणार्थियों को बंदी के नाम पर गुलाम बनाए गए लोगों पर नए नियम के बहाने उनको अधिक कमजोर कर उनको गुलाम बनाया जाएगा और उन पर अधिक अत्याचार वही लोग करेंगे जो अमेरिका के सदियों से अमेरिकी नागरिक कहने वाले लोग हैं यह नीति भारत के वर्ण व्यवस्था पर अमेरिका में भी चलने लगेगी जब भारतीय संविधान में मौलिक अधिकारों को अमेरिका से लिया गया है और अब अमेरिका अपने यहां वर्ग व्यवस्था मैं भारत के वर्ण व्यवस्था जैसा नियम स्थापित करने जा रहा है अमेरिका में एक गृह युद्ध की आग लग जाएगी। क्योंकि यह कदम अमेरिका का संयुक्त राष्ट्र की शक्ति को खत्म करा सकता है क्योंकि जब 40 % जन्मजात अमेरिकी नागरिक जिनके माता पिता अमेरिकी नागरिक थे या है और 10% बंदी नहीं गुलाम बनाए गए शरणार्थी लोगों द्वारा अपने अधिकार और नागरिकता के अधिकार के एक ऐसे नये (N.D.R.P) अंतरराष्ट्रीय जन्मजात नागरिकता संगठन का निर्माण होगा और अपने अधिकारों के लिए उपरोक्त नाम या अन्य कोई नाम से अधिकारों तथा नागरिकता समाप्त या खत्म होने के विरोध में प्रदर्शन करेगा या करने लगेगा देश की वर्तमान सरकार अपने जन्मजात नागरिकता अमेरिकी नागरिकता और अधिकारों की मांग करेगा तो सरकार प्रदर्शन कार्यों पर विभिन्न प्रकार का बल प्रयोग और कुछ लोगों को फिर बंदी बना लिया जाएगा परंतु यह प्रदर्शन रुकने तथा झुकने का नाम नहीं लेगा और देश में चुनाव का समय आ जाएगा तो कुछ पार्टी द्वारा जन्मजात नागरिकता और बंदी बनाए गए शरणार्थी को भी नागरिकता देने का वायदा करेगी और जिस पार्टी ने जन्मजात नागरिकता खत्म करने का वायदा किया था और उस पर कार्य करेगी तो प्रदर्शन व्यक्तियों का प्रदर्शन और अधिक तेज वह रोता भाव का हो जाएगा जिसमें कुछ व्यक्तियों को अपनी जान गवानी पड़ेगी यहां जान गवानी कोई नई बात नहीं होगी। क्योंकि जब “जब किसी देश या किसी स्थान की मैं प्रणाली बिगड़ती है तो एक नई क्रांति का जन्म होता है” मुनिराम गेझा (एक और विचारक) की बात से अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा समर्थन करते है और अमेरिका अपने यहां नए संप्रदायिक प्रदर्शन को जल देगा ठीक उसी तरह जिस तरह भारत में चुनाव के समय धर्म और जाति विशेष हो जाते हैं और अमेरिका में अमेरिकी जन्मजात नागरिकता जिनके माता पिता अमेरिकी नागरिक नहीं है और जिनके माता-पिता अमेरिका नागरिक हैं और यह संप्रदाय कभी समाप्त होने वाला नहीं होगा और जब जब अमेरिका में चुनाव होंगे तब तब दो टगु बनेंगे एक जन्मजात नागरिकता को ज्यों का त्यों बनाए रखने वाला होगा और दूसरा जन्मजात नागरिकता को खत्म करने वाला होगा और अमेरिका में अमेरिका की जनता भी अमेरिका के विकास से जायदा अमेरिकी जन्मजात नागरिकता और अमेरिकी नागरिकता पर विशेष माना जाएगा अमेरिका के लिए यही बेहतर होगा की अमेरिका में किसी ऐसी पार्टी को सत्ता में नहीं आने दे जिससे जन्मजात अमेरिकी नागरिकता के बीच संप्रदायिकता की नींव रखी जाए क्योंकि जब 40 से 50% जो व्यक्ति अपने अधिकारों को बचाने के लिए हथियार उठा लेगा तब इन लोगों को कोई आतंकी संगठन घोषित कर दिया जाएगा ये वे व्यक्ति होंगे जो जन्मजात नागरिकता के आधार पर उनके अधिकार और नागरिकता खत्म हो चुकी होगी और इनके साथ वे शरणार्थी लोग भी होंगे जिन्हें बंदी नहीं बुला बना लिया जाएगा और अमेरिका के लिए सबसे काला दिन साबित होगा जब एक ऐसे संप्रदायिक का जन्म होगा और यह संप्रदायिकता कभी खत्म नहीं होगी यह भारत की तरह अमेरिका में हिंदू मुस्लिम और जाति और धर्म की तरह फैलती रहेगी क्रांति भी किसी भी राजा के अनीतिगत फैसलों के करण रोज शुरू होता है और जब विरोध राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंच जाता है तब विरोध एक क्रांति करो हो जता है लेखक की कलम से दो शब्द मुझे यह मालूम है कि मैंने जो इस लेख में लिखा है उस देश के संसद की नीतियों के बारे में लिखा है जो देश संयुक्त राष्ट्र शक्ति का मालिक है जिसने इराक ईरान आदि देशों पर प्रतिबंध लगा सकता है परंतु किसी के विचारों पर नहीं मुनिराम गेझा (एक और विचारक)

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