विश्व में भारत की मनुस्मृति शासन व्यवस्था और भारत में गुलामी का कारण और भारत में पुनर स्थापित भारतीय संविधान में दिए गए भारत की जनता के अधिकार समानता के अधिकार मौलिक कर्तव्य तथा भारत में मनुस्मृति के कारण शुद्र वर्ग को सदियों तक गुलाम बनाए रखने के सिद्धांत को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया गया और संविधान में उनको समान अधिकार दिया गया जिसके अनुसार भारत का बहुजन आज भारत का शासक वर्ग बनने को तैयार है और अखंड भारत को बुद्धि और विवेक से विश्व पटल पर दर्शाता है
शुक्रवार, 24 जनवरी 2020
मेरे मन की बात भारत के संविधान के साथ मुनिराम गेझा( एक और विचारक )
मैं अपने मन की बात खोल रहा हूं!
मैं आजाद भारत बोल रहा हूं!
मैं मनुस्मृति और पाखंडवाद को छोड़ रहा हूं!!
मैं अपने मन की बात खोल रहा हूं!
मैं अंबेडकर का ज्ञान बोल रहा हूं!
मैं इस भारत में शिक्षा का अमृत घोल रहा हूं!!
मैं अपने मन की बात खोल रहा हूं!
मैं भारत का संविधान बोल रहा हूं!
मैं जन जन के घर पहुंच रहा हूं!!
मैं अपने मन की बात खोल रहा हूं!
मैं जिस जन जन को पढ़ रहा हूं!
मैं अधिकार सारे जन जन को बता रहा हूं!!
मैं अपने मन की बात खोल रहा हूं!
मैं प्रस्तावना में ना जाति ना धर्म बांट रहा हूं!
मैं भारत के लोग तुम्हें बता रहा हूं!!
मैं अपने मन की बात खोल रहा हूं!
मैं वर्ण व्यवस्था की बेडियो को काट रहा हूं!
मैं शूद्र वर्ग के साथ इस अबला नारी को भी शासक भारत का
बना रहा हूं!!
मैं अपने मन की बात खोल रहा हूं!
मैं लोकतंत्र का बीज बोल रहा हूं!
मैं समता, समानता, और बंधुत्व के अधिकार के तोल रहा हूं!!
मैं अपने मन की बात खोल रहा हूं!
मैं भारत का संविधान बोल रहा हूं!
मैं धर्म ग्रंथों को पीछे छोड़ रहा हूं!!
मैं अपने मन की बात खोल रहा हूं!
मैं मनु और पाखंडवाद की कमर तोड़ रहा हूं!
मैं अब शादियों में भी पहुंच रहा हूं!!
मैं अपने मन की बात खोल रहा हूं!
मैं एक विचार की कहानी बोल रहा हूं!
मैं थोड़ी थोड़ी मुझे बानी बोल रहा हूं!!
मुनिराम गेझा ( एक और विचारक )
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