विश्व में भारत की मनुस्मृति शासन व्यवस्था और भारत में गुलामी का कारण और भारत में पुनर स्थापित भारतीय संविधान में दिए गए भारत की जनता के अधिकार समानता के अधिकार मौलिक कर्तव्य तथा भारत में मनुस्मृति के कारण शुद्र वर्ग को सदियों तक गुलाम बनाए रखने के सिद्धांत को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया गया और संविधान में उनको समान अधिकार दिया गया जिसके अनुसार भारत का बहुजन आज भारत का शासक वर्ग बनने को तैयार है और अखंड भारत को बुद्धि और विवेक से विश्व पटल पर दर्शाता है
बुधवार, 13 नवंबर 2019
प्राकृतिक आपदाओं का जन्म
सब मनुष्य मूर्ख है। क्योंकि इस संसार में जीव जंतु, पेड़ पौधे,
खनिज पदार्थ, तथा अन्य सब इस धरा की रक्षा करने वाले हैं और
मनुष्य अपने जीवन के स्वार्थ के लिए उपरोक्त का सदियों से उपयोग
कर रहा है बस इसी बात को अपने जीवन की उपलब्धि बताता है।
उन सब मनुष्यों में से एक में भी हूं जिस कारण विभिन्न प्रकार की
आपदाओं का जन्म होता है
मुनिराम गेझा ( एक और विचारक )
सामाजिक एवं अन्य सामाजिक विचार
मुनिराम गेझा (एक और विचार)
न्याय और न्यायलय
जिस देश के सर्वोच्च न्यायलय को संविधान में जनता के मोलिक अधिकारों का संरक्षक के रूप में नामित किया हों अगर वो ही सर्वोच्च न्यायलय उस देश के करोड़ों लोगों (दलित आदिवासी) के अधिकारों को नष्ट कर सदा के लिए उनके अधिकारों से वंचित कर दें और उस देश की सरकार एवं मिडिया आदि सब चुप रहें तो। दलित आदिवासी समाज उन सब के खिलाफ हथियार उठाकर क्रान्ति करना लाजिमी है।
मुनिराम गेझा ( एक और विचारक)
सामाजिक एवं अन्य सामाजिक विचार
मुनिराम गेझा (एक और विचार)
सदस्यता लें
संदेश (Atom)