रविवार, 3 फ़रवरी 2019

बाबा साहेब डा0अम्बेडकर जी मरण के बाद पुणृ जन्म की याद
     
      में जब आया इस दुनिया में अबोध शिशु मेरा नाम था ।
      में जब अनजान था इस दुनिया से जाने क्यों मेरे कुल को  
      मिला शूद्र का नाम था ।
      खूब सताया सदियों तक ब्राह्मण,क्षत्रीय,वेशय, ने इनका          कैसा ये अभियान था ।
      सम्पत्ति छीनि आधिकार छीने छूने ना साफ सरोवर तक          का अधिकार था ।
      हांडी बांधी ना इस धरती पे झाड़ बाधे ना पद चिन्ह रहे    
      धरती के मैदान पे ।
      कर्म को हमारे नीच धर्म से हमको दूर भगाया फैलाकर          मनुवाद पाखण्ड वाद रे ।
      शूद्र के पुत्र को जिंदा चिनवाया और पुत्री को मन्दिर में            दान दिलवाया ।
      इस लिए हमको जिन्दा चिनवाया ताकि उखाड़ ना फेंक          दें  वर्णों में छुपे मनु के पाखण्ड वाद को ।
      जिन पाखणिडयो दान की पुत्रीयो से मुह और काला       
      गुनाह छिपाने को ।
      पैरों की जूती उस महिला को समझा तुमने और सती के          नाम पर जिन्दा तुमने अधर्म का नाम कमाने को ।
      शायद भूल गए थे (एक और विचारक)इस पंक्ति को तुम
      पीलाकर दूध अपने स्तनों का तुम्हारे पेट की आग बझाई        थी ।
      गीधी ने शूद्रओ को शूद्र से हरिजन नाम धराया था ।
      जाने कितनों ने लुटा इस भारत फिर अंग्रेजो को क्यों      
      भगाया था ।
      भागाया अंग्रेजो को इसलिए तुमने बनाकर कानून                  शूद्रओ शिक्षा के द्वारा खुलवाएं थे ।
      और मैं ही अंग्रेजो ने तुम्हारे उपरोक्त पाखण्ड वाद के              खिलाफ सजा तुमको दिलाई थी ।
      जब आया दलितों का  विधाता उसको बहुत सतया था ।
      बाहर बैठा कर पढने को बताया तुमने पानी तक ना              पीलाया। था ।
      जाने कितनी डिग्री प्राप्त कर उसने डीलीट की डिग्री       
      साथ  में अपने भारत में वो लाया था।
      लिख भारत का संविधान उसने सदियों की गलामी के 
      मनु के मनुवादियों के विधान को जलाया था।
      पाने  हिन्दू धर्म के पाखण्ड वाद से मुक्ति इसलिए बुद्ध            धम्म का मार्ग बताया था। 
      जो तड़पें पानी, रोटी को जो उघडा तन कपड़ा पाने को 
      जो भूल गया अपना सिर उठाकर चल पोने।
      वो विश्व का भीमराव अम्बेडकर आया था ये सब बहुजन  
      को दिलाने को।
     
                           मुनिराम गेझा (एक और विचारक)

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