विश्व में भारत की मनुस्मृति शासन व्यवस्था और भारत में गुलामी का कारण और भारत में पुनर स्थापित भारतीय संविधान में दिए गए भारत की जनता के अधिकार समानता के अधिकार मौलिक कर्तव्य तथा भारत में मनुस्मृति के कारण शुद्र वर्ग को सदियों तक गुलाम बनाए रखने के सिद्धांत को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया गया और संविधान में उनको समान अधिकार दिया गया जिसके अनुसार भारत का बहुजन आज भारत का शासक वर्ग बनने को तैयार है और अखंड भारत को बुद्धि और विवेक से विश्व पटल पर दर्शाता है
बुधवार, 15 जनवरी 2020
बुद्ध के अनुयायी है कि
सा
बोल ( 85 ) बहुजन मुलनिवासी की भारत में पहचान-मुनिराम गेझा
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बोल ( 85 ) बहुजन मुलनिवासी की भारत में पहचान-मुनिराम गेझा
Muniram November 25, 2019 0 Hindi, कविताएँ
बुद्ध के अनुयायी है।हम
अपने माता-पिता की एक आस है। हम
अनार्यों की पहचान है। हम
शंबूक ऋषि के शिष्य हैं। हम
रावण के मस्तक है। हम
एकलव्य के बान है। हम
कबीर पंथ की तेज धार है। हम
रविदास की कटौथी व रफी है। हम
पांच सौ महार वीरों के खून से बने स्तम्भ की अशंख ईंट है। हम
ज्योतिबा फुले व सावित्री के ख्वाब हैं। हम
बिरसा मुंडा और मातादीन भंगी की जान है। हम
चमार रेजीमेंट के वीर जवानों के आज के शौर्य का कल है। हम
उधम सिंह की रिवाल्वर ( पिस्तौल) है। हम
छत्रपति साहू जी राजा के राज के उत्तराधिकारी है। हम
अंबेडकर के संविधान की शान व कलम की चाल है। हम
नारायण गुरु के संस्कार हैं। हम
पेरियार सिद्धांत के समर्थक है। हम
क्योंकि पाखंडवाद अंधविश्वास के खिलाफ एक मार्ग है। हम
विश्व में भारत की शान है। हम
अंबर का नीला सलाम है। हम
क्योंकि काशीराम की सिचि राजनीति का एक बाग है। हम
बहन मायावती की राजनीति की ललकार है। हम
फूलन देवी की महिमा शोषण के खिलाफ एक आवाज है।हम
शिक्षा की उन्नति की मिसाल का एक स्तम्भ है। हम
इक्कीसवीं सदी के शासक है। हम
एक और विचारक के अभी सार ( वार ) है। हम
सतकल नहीं कलम युग के रावण है। हम
क्योंकि समस्त शोषण अत्याचार ब्रह्मास्त्र के खिलाफ एक भीमरावाशत्र है। हम
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