शुक्रवार, 1 फ़रवरी 2019

जय भीम साथियों
में अपने विचार सभी बहुजन समाज के लोगों तक पहचा रहा हूं
भारतीय संविधान में दिए गए अधिकारियों को भारत की सभी छोटी बड़े न्यायलयो द्वारा दिन प्रतिदिन एससी एसटी ओबीसी और  मनोरटी के अधिकारियों को सडयत्र के द्वारा खत्म किया जा रहा है
(1) सबसे पहले तो शिक्षा का निजीकरण किया गया था जिससे एससी एसटी के बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त ना कर सके
(2) जब बहुजन समाज के बच्चे किसी तरह से पाने लगे तो और आरक्षण से सरकारी विभागों में नोकरी करने लगे तो सभी सरकारी विभागों को प्राईवेट किया जा रहा है ताकि आरक्षण खत्म हो जाएं और अपनी मर्जी से उच्च जातियों के लोगों द्वारा सभी पद भरे जा सकें
(3)समस्त भारत के सरकारी स्कूलों में खाना व मिड-डे-मील योजना लागू कर दी अधिकतर बहुजन समाज के बच्चे भोजन में लगे रहे जबकि यह रकम सकूलों के कायाकल्प में लगनी चाहिए थी
(4)इसके बाद जिन बहुजन समाज के लोगों का सरकारी नौकरियों में आरक्षण के आधार पर प्रमोशन से उच्च पद पहुंच गए थे उन्हें पहले की जगह ला दिया गया
(5) संविधान में दिए गए एससी एसटी के जीवन रक्षा के हथियार को भी खत्म किया गया परन्तु दो अप्रैल भारत बंद के के दौरान बहुजन समाज को अपने छ वीरों को शहीद होना पड़ा जिस कारण वापस कर दिया गया परन्तु इसे संविधान की नोवी अनुसूची में शामिल नहीं किया ताकि इसे फिर बदला जा सकें
(6)अब साथियों भारत के समस्त विश्व विधालयो एवं महाविद्यालयों में 200 रोस्टर पोइंट की जगह 13 रोस्टर पोइंट लागू कर दिया गया जिसके कारण अब विश्व विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में एससी एसटी ओबीसी के लोग प्रोफेसर एसोसिएट प्रोफेसर आदि नहीं बनेगे और इसमें विश्व विद्यालयों एवं महाविद्यालयों को युनिट न मानकर विभागों को यूनिट माना गया है
ये सब सडयत्र भारत के उच्चतम न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय में किए जा रहे हैं अगर किसी राज्य का न्यायलय बहुजन समाज के हित में फैसला देता है तो भारत का सुप्रीम कोर्ट उसे बदल देता है अगर किसी राज्य का न्यायलय बहुजन समाज के विपरीत फैसला देता है तो भारत का सुप्रीम कोर्ट उसी पर अपनी अनुमति दें देता है
आने वाले समय में यह फैसला भारत के सभी सरकारी विभागों में लागू कर दिया गया तो भारत तथा राज्य के किसी भी सरकारी विभाग में बहुजन समाज के लोगों को कभी भी सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी
(7) अगर इसके बाद 13 रोस्टर पोइंट की जगह 08 रोस्टर पोइंट लागू कर दिया तो बहजन समाज को सदियों की कटी बेड़ियों में फिर से जकड़ दिया जाएगा
(8)अन्त में साथियों में एक बात बताने जा रहा हूं कि कुछ लेखक बहुत ही  दुरदशी होते हैं जैसा कि एक फिल्म लेखक ने शूद्र इन राइजिंग फिल्म 2012 में बनाई थी जिसमें बहुजन समाज के साथ सदियों पहले हुआ था और कुछ जगहों पर तो आज भी ऐसा ही होता है परन्तु बहुजन समाज के लोगों ने ना ही शूद्र इन राइजिंग फिल्म देखी और ना उससे कुछ सीखा बहुजन समाज के वो अधिकाश जो लोग आरक्षण के दम पर नोकरी पाकर अम्बेडकर के मिशन को भुल गए और टीवी बीवी में मस्त हो गये और 13 रोस्टर पोइंट वो ही आधिकारी लोगों अधिक पीडा व जलन हो रही है आरक्षण के दम पर नोकरी पाकर टीवी बीवी में मस्त हो थे क्योंकि उनके बच्चे अच्छी शिक्षा पाकर प्रोफेसर , अधिकारी बनने को तैयार हैं और ये अधिकार खत्म हो गया
 (9) मेरे समाज के मेरे उन युवाओं साथियों का क्या जो बचपन में बाल मजदूरी की और उसके बाद भी मजदूरी करके पढाई की बात तो उनकी है जिनके बाप आरक्षण के दम पर नोकरी पाकर टीवी बीवी में मस्त हो गए
(10) अन्त में साथियों हम अम्बेडकर वादी है संघर्षों के आदि है
  विचारक मजदूरी करके पढाई करने वाला है मजदूरी करके ही परिवार का पालन-पोषण करने वाला है
              मुनिराममु  गेझा(एक और विचारक)

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